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यूट्यूब से सीखकर चालू की सेब की खेती, अब बिहार का किसान कमाएगा लाखों

Published on: 24-Apr-2023

आजकल किसान बदलते दौर में खुद भी काफी सजग और जागरूक होते जा रहे हैं। किसान प्रगति और उन्नति के पथ पर अग्रसर होते जा रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही विकासशील किसान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपनी लगन और मेहनत से एक अच्छी कामयाबी हांसिल की है। हम बात कर रहे हैं, बिहार के किसान खुर्शीद आलम की जिन्होंने लगभग एक एकड़ भूमि के हिस्से में सेब के पौधे लगाए हैं। दरअसल, उनके द्वारा उगाए गए पौधों में से 20 प्रतिशत पौधे सूख गए है। हालाँकि, बचे कुचे 80 प्रतिशत पौधों पर फल लगे हुए हैं। सेब का नाम कान में पड़ते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। यह एक ऐसा फल है, जिसका सेवन करने से शरीर को प्रचूर मात्रा में विटामिन्स एवं पोशक तत्व प्राप्त हो जाते हैं। यही कारण है, कि बीमार होने की स्थिति में चिकित्सक भी लोगों को सेब का सेवन करने की सलाह देते हैं। दरअसल, लोगों का मानना है, कि सेब की खेती सिर्फ कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में ही की जाती है। परंतु, अब ये सब बातें काफी पुरानी हो चुकी हैं। आजकल बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे गर्म जलवायु वाले प्रदेशों में भी किसान सेब की खेती कर रहे हैं। इससे किसानों को काफी मोटी आमदनी भी हो रही है। यही वजह है, कि आहिस्ते-आहिस्ते बिहार में सेब की खेती का रकबा बढ़ता जा रहा है। 

खुर्शीद आलम ने किस तरह शुरू की सेब की खेती

खबरों के मुताबिक, बिहार के पूर्णिया जनपद में एक किसान ने यूट्यूब पर देखकर सेब की खेती करनी चालू की है। इसमें किसान को सफलता भी हांसिल हुई है। किसान खुर्शीद आलम ने बताया है, कि ह वह पहले धान एवं गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों का उत्पादन करते थे। परंतु, उसमें परिश्रम काफी ज्यादा करना पड़ता था और मुनाफा काफी ज्यादा कम होता था। ऐसे में मुझे सेब की खेती करने का विचार आया। इसके उपरांत खुर्शीद आलम ने यूट्यूब से सेब की खेती करने का प्रशिक्षण लिया। खुर्शीद आलम ने गर्म प्रदेश में उगाए जाने वाले हिमाचली सेब की किस्म अन्ना एवं हरिओम 91 के पौधों को अपने बाग में रोपे हुए हैं। इसके लिए खुर्शीद ने 100 रुपये प्रति पौधे की दर से हिमाचल प्रदेश से पौधे मंगवाये थे। 

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कितने माह में फल आना शुरू हो गए हैं

खुर्शीद आलम ने लगभग एक एकड़ में सेब के पौधे लगाए हैं। दरअसल, 20 प्रतिशत पौधे सूख गए जबकि 80 फीसदी पौधों में फल लग गए हैं। उन्होंने बताया है, कि सेब की खेती का परीक्षण यदि सफल रहा तो, आगामी वर्षों में वह और ज्यादा भूमि के रकबे में हिमाचली सेब की खेती करेंगे। खुर्शीद आलम ने कहा कि विगत वर्ष जनवरी माह में उन्होंने अपनी एक एकड़ भूमि पर सेब के 100 पौधे लगाए थे। 15 महीने के उपरांत इन पौधों पर फल आने चालू हो गए हैं। उनकी माने तो यह पौधे 25 वर्षों तक फल देते रहेंगे। इससे उनकी अच्छी खासी आमदनी होगी। 

किसान एक एकड़ में कितने सेब के पेड़ लगा सकते हैं

खुर्शीद ने बताया है, कि यदि किसान चाहें, तो एक एकड़ में 150 सेब के पौधे भी रोप सकते हैं। उनका कहना है, कि सेब का पौधा लगाने से पूर्व 2×2 का गड्ढा खोदना पड़ता है। इसके उपरांत पौधे लगाने से पूर्व गड्ढों में वर्मी कंपोस्ट सहित चिकनी मिट्टी भी डालनी पड़ती है। इससे पौधे की काफी बेहतरीन वृद्धि होती है एवं वह वक्त पर ही फल देने लग जाते हैं। साथ ही, वक्त-वक्त पर कीटों से संरक्षण हेतु पौधों के ऊपर स्प्रे भी करना पड़ेगा। खुर्शीद आलम ने बताया है, कि अभी पेड़ों पर छोटे- छोटे फल आने शुरू हो गए हैं। यदि मौसम ने साथ दिया तो काफी मोटा फायदा होगा। इसके उपरांत सेब के उत्पादन रकबे को और ज्यादा करूँगा।

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