महाराष्ट्र में रबी की फसलों की बुवाई को लेकर चिंतित किसान, नहीं मिल पाया अब तक मुआवजा

Published on: 03-Nov-2022

महाराष्ट्र के नांदेड़ जनपद में मूसलाधार बारिश के कहर से करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि में सोयाबीन की फसल नष्ट हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा मुआवजे के रूप में मिलने वाली आर्थिक सहायता में विलंब होने के चलते किसानों को रबी सीजन की फसलों की बुवाई करने हेतु आर्थिक संकटों से जूझना पड़ रहा है। किसान इधर उधर से कर्ज लेकर रबी सीजन की बुवाई हेतु खाद एवं बीज की व्यवस्था कर रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ जनपद में पुनः अत्यधिक बरसात से किसान गंभीर रूप से प्रभावित हो चुके हैं। किसानों की पकी पकायी फसल बर्बाद चुकी है। किसानों द्वारा बताया गया है कि महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। साथ ही, रबी सीजन का समय भी आरम्भ हो चुका है। इस वजह से उनको बेहद आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में रबी फसलों की बुवाई करना किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण है। राज्य के कुछ जनपदों में अब तक फसलों में हुई बर्बादी का पंचनामा भी नहीं हो पाया है। महाराष्ट्र के भंडारा जनपद में तो मजबूरी में किसान धान को बेहद न्यूनतम भाव में बेच रबी सीजन की फसलों की बुवाई हेतु बीज खरीद रहे हैं। बतादें कि मराठवाड़ा में सर्वाधिक सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है। मराठवाड़ा के किसान पूर्णतया सोयाबीन की फसल पर निर्भर रहते हैं।

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लातूर निवासी किसान अंकित थोराट ने क्या कहा है ?

महाराष्ट्र राज्य के लातूर जनपद निवासी अंकित थोराट का कहना है, कि उनके द्वारा स्वयं की दो एकड़ भूमि में सोयाबीन की फसल की गयी। लेकिन पैदावार लेने से पूर्व ही आपदा के रूप में आयी प्रचंड बारिश ने उनकी फसल को बुरी तरह चौपट कर दिया। फसल बर्बाद होने के बाद भी अब तक उनको कोई आर्थिक सहायता नहीं प्राप्त हो पायी है। इस वजह से उनको रबी फसल की तैयारी करने में बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि वह पूर्णतया कृषि पर ही निर्भर रहते थे। हालाँकि महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार जी ने कहा यदि आवश्यकता हुई तो केंद्र सरकार से भी सहायता लेंगे। साथ ही, किसानों की अतिशीघ्र सहायता करने का पूरा प्रयास करेंगे।

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