भारतीय केले की मांग विदेशों में खूब बढ़ रही है, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड) के मुताबिक पिछले 9 सालों में केले के निर्यात में 541% की वृद्धि के साथ-साथ ₹327 करोड़ रुपए का केला निर्यात किया गया है।
भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है, यहां खेती के प्रति किसान हमेशा से जागरूक रहते हैं। जिस तरह कृषि के क्षेत्र में भारत आगे बढ़ते हुए विदेशी बाजारों में भी अपना परचम लहरा रहा है, इससे साफ जाहिर होता है कि आने वाले समय में भारत कृषि के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपना परचम लहराएगा।
भारत दुनिया के कुल उत्पादन का 10% फलों का प्रोडक्शन ले रहा है। यहां जिस तरह से ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती की जा रही है और उसे देश विदेश में निर्यात किया जा रहा है, इससे किसानों को बंपर फायदा और विश्व पटल पर भारत का नाम कृषि के क्षेत्र में जोर शोर से हो रहा है।
नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के मुताबिक पिछले 9 वर्षों में केले के निर्यात में 541% की वृद्धि दर्ज की गई है जो कि अचंभित करने वाला आंकड़ा है। किसान केले की खेती, नई तकनीक के साथ बड़ी जोर-शोर से कर रहे हैं और बंपर मुनाफा भी कमा रहे हैं। केला उत्पादन करने वाले किसानों के लिए यह एक अच्छा संकेत भी है कि उन्हें केले के उत्पादन पर अच्छा-खासा मुनाफा हासिल हो रहा है।
केला का स्वस्थ और बेहतर उत्पादन करने के लिए टिशु कल्चर टेक्निक, वैज्ञानिक और जैविक विधि पर किसान काफी जोर दे रहे हैं और साथ ही राज्य और केंद्र की सरकार भी नई तकनीकों के साथ केले की खेती करने के लिए किसानों को जागरूक करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2013 में अप्रैल से जुलाई तक 51 करोड़ का केला निर्यात हुआ था। नई तकनीक और बेहतर नीतियों के साथ उन्नत किस्म के केले के उत्पादन से पिछले 9 सालों में निर्यात 541% बढ़ा है। 2022 में अप्रैल से जुलाई तक के आंकड़े की बात करें तो भारत ने करीब 327 करोड़ का केला निर्यात किया है।