Published on: 19-Aug-2022
इटावा के बीहड़ में होने वाली ककोड़ा यानी खेखसा की खेती के बारे विस्तार से जानिए
इटावा।
आज हम आपको
ककोड़ा या कर्कोट की खेती (इन नामों से भी जाना जाता है : कंटोला, खेकसी, खेखसा) (
kakoda, kantola, Khekhasa, kheksi) (
वानस्पतिक नाम : Momordica dioica) के बारे में विस्तार से बताएंगे।
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बीहड़ जंगल हैं। बारिश के दिनों में इस बीहड़ क्षेत्र में एक खास किस्म की
सब्जी पाई जाती है, जिसे यहां के स्थानीय किसान तोड़कर शहर में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कभी डांकुओं को आश्रय देने वाली इस जमीन पर आज ककोड़ा की खेती अपने पैर जमा रही है।
काफी स्वादिष्ट होती है ककोड़ा की सब्जी
- आमतौर पर बारिश के दौरान ही ककोड़ा की सब्जी उगती है। जो काफी स्वादिष्ट होती है। इसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं। बताया जाता है कि इनका नियमित सेवन करने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है। इसीलिए इसे एक औषधीय सब्जी के नाम से भी जाना जाता है।
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डायबिटीज के रोगियों के लिए रामबाण है ककोड़ा
- तमाम औषधियों से भरपूर ककोड़ा की सब्जी डायबिटीज के रोगियों के लिए रामबाण दवा है। कई नामी चिकित्सकों के दावा है कि ककोड़ा के नियमित सेवन से डायबिटीज पर कंट्रोल किया जा सकता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी ककोड़ा काफी लाभदायक है। शरीर के कई महत्वपूर्ण रोगों में ककोड़ा औषधि के रूप में काम करती है
ककोड़ा में मिलते हैं ये पोषक तत्व
- आयुर्वेद के जानकारों की मानें तो ककोड़ा की
सब्जी में कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं, जिनका नियमित सेवन मनुष्य के लिए बेहद लाभकारी है। ककोड़ा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं।
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अधिक बारिश में बढ़ती है पैदावार
- ककोड़ा की सब्जी बारिश के दिनों में अच्छी पैदावार देती है। जितना ज्यादा बारिश होगी, यह सब्जी उतनी ही बेहतर उपज देती है। बारिश के दिनों में यहां के स्थानीय किसानों में ककोड़ा की सब्जी को लेकर खासा उत्साह दिखाई दे रहा है।
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बीहड़ में हर रोज बढ़ रहा है खेती का क्रेज
- इटावा के बीहड़ों में खेती करने के लिए किसानों में हर रोज क्रेज बढ़ रहा है। यहां अब खेती का चलन शुरू हो गया है। बीहड़ और चम्बल क्षेत्र में अच्छी बारिश के दौरान ककोड़ा की अच्छी पैदावार हो रही है, जिससे किसानों में खुशी का माहौल है।
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लोकेन्द्र नरवार