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कोटा के नरेंद्र मालव मधुमक्खी पालन करके हो रहे मशहूर

Published on: 25-Mar-2023

किसान अच्छे रास्तों से नरेंन्द्र मालव ने साल 2004 में मधुमक्खी पालन शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने कोटा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया था। किसान हमेशा कुछ न कुछ नया करने का प्रयास करते रहते हैं। कई सारे किसानों ने अपनी सूझ-बूझ से काफी उन्नति एवं प्रगति की है। आज हम आपकी एक ऐसे किसान से मुलाकात कराने जा रहे हैं। जिसने मधुमक्खी पालन करके अन्य किसान भाइयों के सामने एक अद्भुत मिसाल कायम की है। किसान शहद को बाजार में बेचकर के लाखों में आय अर्जित कर रहा है। नरेंद्र मालव द्वारा उत्पादित किए गए शहद की माँग काफी दूर दराज तक है। इसी कारण से नरेंद्र मालव का यह सुप्रसिद्ध शहद केवल जनपद में ही नहीं बल्कि राज्य भर के लिए एक ब्रांड बन चुका है। वास्तविकता में हम चर्चा कर रहे हैं, शहद उत्पादक नरेंद्र मालव जो कि राजस्थान के रहने वाले हैं। मधुमक्खी पालन हेतु राज्यस्तरीय पुरुस्कार प्राप्त करने वाले शहद किसान नरेंद्र मालव राजस्थान के कोटा जनपद के रहने वाले हैं।

मधुमक्खी पालक नरेंद्र मालव कहा के रहने वाले हैं

आपकी जानकारी के लिए बतादें कि नरेंद्र मालव ने कोटा जनपद में मौजूद कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी लिया था। प्रशिक्षण के बाद वह इस क्षेत्र में इतने सक्षम हो गए हैं कि अब अन्य किसान भी उनसे मधुमक्खी पालन करने के गुर सीखने उनके पास जाते हैं। बतादें कि नरेंद्र मालव ने 10000 रुपए के खर्चे से इस व्यवसाय को चालू किया था। परंतु, कुछ वर्षों के अंदर ही उन्होंने अपनी अथक मेहनत और निरंतर प्रयासों से आज लाखों रुपए का साम्राज्य स्थापित कर दिया है। फिलहाल वह बहुत सारे लोगों को रोजगार के अवसर मुहैय्या करा रहे हैं। 

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एक कॉलोनी से आप 7 से 8 बार शहद प्राप्त कर सकते हैं

इसी कड़ी में आपको बतादें कि खबरों के अनुसार, किसान नरेंद्र मालव शहद विक्रय करने के साथ- साथ मधुमक्खियों को भी विक्रय करते हैं। उनके अनुसार, शहद से काफी अधिक मुनाफा मधुमक्खी बेकने से होता है। जानकारी के लिए बतादें कि नरेंद्र मालव के समीप फिलहाल 1200 से भी अधिक मधुमक्खियों की कॉलोनी मौजूद हैं। तकरीबन एक कॉलेनी के माध्यम से 25 से 30 किलो शहद प्राप्त किया जाता है। विशेष बात यह है, कि एक कॉलोनी द्वारा एक साल में किसान 7 से 8 बार शहद निकाल सकते हैं। इसी की सहायता से नरेंद्र मालव इस व्यवसाय से एक वर्ष में 25 लाख रुपये का मात्र लाभ उठा रहे हैं। 

मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को शुरू करने के लिए कितना खर्चा होता है

अब हम आपको नरेंद्र के शहद के प्रसिद्ध होने के पीछे की वजह को बताने जा रहे हैं। आखिर उनके शहद में ऐसा क्या है, जिससे उनके शहद की माँग पूरे देशभर में हो रही है। वह वजह यह है, कि इस शहद को धनिया, राई एवं सौंफ की सहायता से निर्मित किया जाता है। नरेंद्र मालव के अनुसार, मधुमक्खी पालन काफी परिश्रम से होता है। इसका व्यवसाय चालू करने से पूर्व मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लेना अति आवश्यक होता है। यदि आप बेहतरीन तरीके से मधुमक्खी पालन करते हैं, तो आप इसके जरिए बेहतर आमदनी कर सकते हैं। अगर हम नरेंद्र मालव के अनुरूप देखें तो मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को चालू करने हेतु मात्र 30 हजार रुपए की लागत आती है।

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