Red Ladyfinger: लाल भिंडी की खेती करना किसानों के लिए आय का बेहतरीन स्त्रोत है

Published on: 12-Aug-2023

लाल भिंडी में क्लोरोफिल की जगह एंथोसाइनिन ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसी के चलते यह देखने में लाल लगती है। इसके साथ ही इसमें कैल्सियम, आयरन और जिंक ज्यादा पाए जाते हैं। 

भारत में किसान पारंपरिक खेती करने के बजाए अब बागवानी में ज्यादा रूची दिखा रहे हैं। हरियाणा, झारखंड, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में किसान आम, अमरूद, सेब, आंवला और हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। 

इससे किसानों की इनकम भी पहले के मुकाबले बढ़ गई है। परंतु, आज हम एक ऐसी सब्जी के विषय में बात करेंगे, जिसकी खेती करने पर किसानों को कम खर्चा में बहुत ज्यादा आमदनी होगी। 

मुख्य बात है, कि यह एक ऐसी सब्जी है, जिसकी खेती वर्ष भर की जा सकती है और लोग उसे खाना भी काफी ज्यादा पसंद करते हैं।

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लाल भिंडी में हरी भिंडी से ज्यादा कमाई है

दरअसल, हम लाल भिंडी के विषय में बात कर रहे हैं। इसकी खेती भी हरी भिंडी की भांति ही की जाती है। परंतु, इसमें आमदनी काफी है। लाल भिंडी का भाव हरी भिंडी की तुलना में बहुत ज्यादा होता है। 

अमीर और धनवान लोग ही लाल भिंडी खाते हैं। बहुत से राज्यों में किसान लाल भिंडी का उत्पादन भी कर रहे हैं। ऐसे भी लाल भिंडी में हरी भिंडी से ज्यादा विटामिन्स एवं पोषक तत्व विघमान रहते हैं। ऐसी स्थिति में यदि किसान भाई इसकी खेती करते हैं, तो उनकी निश्चित रूप से आय बढ़ जाएगी।

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लाल भिंडी की बिजाई और मृदा का PH मान

सामान्य तौर पर भिंडी की बुवाई वर्ष में दो बार की जाती है। एक ग्रीष्मकालीन भिंडी होती है, जिसकी बुवाई फरवरी और मार्च माह के दौरान की जाती है। 

दूसरी वर्षाकालीन भिंडी होती है, जिसकी खेती जून से लेकर जुलाई व अगस्त के पहले पखवारे तक कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप लाल भिंडी की खेती साल में दो बार कर सकते हैं। 

विशेष बात यह है, कि लाल भिंडी की बुवाई और सिंचाई भी हरी भिंडी की भांति की जाती है। लाल भिंडी की खेती के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी गई है। इसके खेत में जल निकासी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। 

क्योंकि खेत में जलभराव होने के उपरांत लाल भिंडी के पौधों को हानि पहुंचती है। हालांकि, लाल भिंडी की खेती के लिए मिट्टी का PH मान 6.5 से 7.5 मध्य होना चाहिए।

लाल भिंडी का प्रति एकड़ कितना उत्पादन होता है

लाल भिंडी में क्लोरोफिल की जगह एंथोसाइनिन ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसकी वजह से यह देखने में लाल लगती है। साथ ही, इसमें कैल्सियम, आयरन और जिंक काफी ज्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं। 

अब ऐसी स्थिति में लाल भिंडी का सेवन करने से शरीर स्वस्थ और मजबूत रहता है। लाल भिंडी सदैव 100 रुपये किलो से अधिक महंगी बिकती है। साथ ही, ज्यादा महंगाई बढ़ने पर इसका भाव 500 रुपये किलो भी हो जाता है। 

यदि किसान भाई एक एकड़ जमीन पर इसकी खेती करते हैं, तो एक सीजन में 50 से 60 क्विंटल लाल भिंडी का उत्पादन होगा। इस प्रकार आप केवल एक सीजन में लाल भिंडी बेचकर 25 लाख रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं।

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