Published on: 18-Oct-2023
सदाबहार एक तरह का पौधा है, जो साल भर फूलता रहता है, इसलिए इसे सदाबहार के नाम से जाना जाता है। यह एक बारहमासी पौधा है, जो 3 से 4 फीट तक का होता है। सदाबहार का वैज्ञानिक नाम कैथेरेंथस रोसस है। यह एपोसाइनेसी परिवार का पौधा है। सदाबहार की उत्पत्ति मैडागास्कर से हुई है। परंतु, यह वर्तमान में विश्व भर के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय इलाकों में पाया जाता है। सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल औषधीय उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। सदाबहार के फूलों में एल्कलॉइड होते हैं, जो कई बीमारियों के इलाज में काफी मददगार होते हैं। सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल कैंसर, मलेरिया और मधुमेह यानी डायबिटीज के उपचार के लिए किया जाता है।
सदाबहार पौधे से जुड़ी कुछ खास बातें
सदाबहार एक तरह का पौधा है, जो पूरे वर्ष फूलता रहता है। इसलिए इसे सदाबहार कहा जाता है, यह एक बारहमासी पौधा है, जो 3 से 4 फीट तक का होता है। इसके फूल गुलाबी, सफेद अथवा लाल रंग के होते हैं। साथ ही, इनके अंदर पांच पंखुड़ियां होती हैं। सदाबहार के
फूलों का इस्तेमाल औषधीय उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। सदाबहार का वैज्ञानिक नाम कैथेरेंथस रोसस है। यह एपोसाइनेसी परिवार का पौधा है। सदाबहार एक लोकप्रिय पौधा होता है, जिसे सामान्यतः घरों और बगीचों में उगाया जाता है। यह एक कम रखरखाव वाला पौधा होता है, जो सूखे और छाया में अच्छी तरह से जीवित रह सकता है। इस छोटे से दिखने वाले पौधे के अंदर बहुत सारे औषधीय गुण उपलब्ध हैं। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक हैं।
ये भी पढ़ें: गर्मियों के मौसम मे उगाए जाने वाले तीन सबसे शानदार फूलों के पौधे
सदाबहार के पौधों को इस प्रकार लगाऐं
सामान्य तौर पर तो सदाबहार का पौधा स्वयं से ही जहां-तहां निकल आता है। इसे लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। परंतु, हां यदि आप ये चाहते हैं, कि इसके रंग-बिरंगें फूलों का आनंद लिया जाए तो आप इसे कई गमलों में लगा सकते हैं। उसके लिए एक गमले में सूखी मिट्टी को रख लें और उसमें थोड़ा पानी डाल कर उसमें पौधरोपण करें। सदाबहार के पौधे को नियमित तौर पर पानी दें। परंतु, मिट्टी को भिगोने से बचें, सदाबहार के पौधे को प्रति वर्ष वसंत में खाद दें। सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल औषधीय उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। सदाबहार के फूलों में एल्कलॉइड होते हैं, जो बहुत सारी बीमारियों के उपचार में उपयोगी होते हैं। सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल मलेरिया, डायबिटीज और कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।
ये भी पढ़ें: बोगेनवेलिया फूल की खेती से किसान जल्द ही हो सकते हैं मालामाल, ऐसे लगाएं पौधे
सदाबहार का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें
सदाबहार के फूलों का उपयोग डायबिटीज, कैंसर और मलेरिया के इलाज के लिए किया जाता है। सदाबहार कैंसर, मलेरिया जैसी बीमारी में सहयोगी होने के साथ-साथ ये मधुमेह के उपचार में भी सहायता करता है। सदाबहार के फूलों में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने के गुण विघमान होते हैं। हालांकि, सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल करने से पूर्व डॉक्टर से सलाह लेनी बेहद आवश्यक है। सदाबहार के फूलों में कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे कि उल्टी, दस्त और सिरदर्द इस लिए इसका इस्तेमाल करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।