खेती किसानी में एक अच्छी आय की असीमित संभावनाएं और अवसर हैं। आप कुछ अलग करते हैं तो आप इससे काफी मुनाफा कमा सकते हैं।
सरकार भी पारंपरिक खेती से अलग हटकर नए विकल्पों की ओर देखने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित कर रही है। अगर आप भी खेती-किसानी करते हैं और कृषि क्षेत्र में कुछ अलग हट कर करना चाहते हैं, तो आपके लिए औषधीय गुणों से भरपूर सहजन की खेती करना एक बेहतरीन विकल्प साबित होगा।
सहजन की देखरेख और लागत में कमी के कारण इससे काफी अच्छी आमदनी होती है। किसान भाई इसकी खेती से लखपति तक बन रहे हैं। औषधीय पौधों की खेती के लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं सहजन की खेती के लिए भी उपस्थित हैं।
सहजन की खेती कम से कम जमीन पर हो सकती है। सजहन की खेती में लागत काफी कम आती है, जिसकी वजह से कृषकों को शानदार आय होती है।
सहजन का एक पेड़ कम से कम 10 वर्षों तक फल प्रदान करता है। सहजन के पेड़ का हर भाग काफी लाभदायक होता है और उसकी बिक्री होती है। सहजन के पत्ते, छाल, तना यहां तक की इसकी जड़ भी बिक जाती है।
वहीं अगर हम सहजन की विशेषताओं की बात करें तो इसके एक बार बीज की बुवाई करने के बाद चार वर्षों तक चलता है। मतलब कि चार वर्ष तक बुवाई करने की जरूरत नहीं होती। साथ ही, कोई विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता नहीं होती है।
दरअसल, ठंडे राज्यों में सहजन की खेती करने में बेहद कठिनाई आती है। इसके फूल को खिलने के लिए 25 से 30 डिग्री तक का तापमान की जरूरत होती है।
डीडी किसान के मुताबिक, सूखी बलुई मृदा या चिकनी बलुई मृदा में सहजन सही तरह से बढ़ता है। भारत में ठंडे राज्यों को छोड़कर लगभग हर हिस्से के किसान इसकी खेती कर सकते हैं। बतादें, कि कोयंबटूर 2, रोहित 1, पी के एम 1, पी के एम- 2 सहजन की प्रमुख उन्नत किस्में हैं।
सहजन को एक तरह से प्रकृति का वरदान माना जाता है। इसकी सब्जी से तो हम सब परिचित हैं। इसके अतिरिक्त भी सहजन का उपयोग बहुत सारे अन्य कार्यों में भी होता है। सहजन के बीज के तेल से औषधियां निर्मित होती हैं। छाल, पत्ती, गोंद और जड़ इत्यादि से आयुर्वेदिक औषधियां निर्मित होती हैं।
सहजन की खेती के लिए बीज को दिन के समय भिगो दिया जाता है। किसान भाई इसकी बुवाई सूखी मृदा में कर सकते हैं। सहजन की बुवाई के लिए जमीन को 1 फुट चौड़ा और गहरा करना होता है, वहां बुवाई होती है। फिर मिट्टी से भरना होता है।
यह भी पढ़ें: कैसे करें शलजम की खेती से कमाई; जाने फसल के बारे में संपूर्ण जानकारी
बतादें, कि बुवाई नर्सरी पौधों और बीजों दोनों की होती है। मतलब, आप बीज से नर्सरी पौधा बनाकर भी बुवाई कर सकते हैं। सहजन को शुरुआत में खाद की आवश्यकता होती है। फिर इसके बाद थोड़ी सी सिंचाई की।
सहजन के आधा किलो बीज से 2 हेक्टेयर जमीन के लिए पौध तैयार कर सकते हैं। किसान भाई 1500 से 2000 पौधे 1 एकड़ भूमि में उगा सकते हैं।
सहजन को अंग्रेजी में ड्रमस्टिक कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफरा है। यह एक बहुपयोगी पौधा है। इसमें बहुत सारे 300 से ज्यादा औषधीय गुण पाए जाते हैं।
इसी वजह से इसकी निरंतर मांग बढ़ रही है। सहजन की खेती करने वाले कृषक लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं। सहजन में 90 प्रकार के मल्टीविटामिन्स होते हैं।
सहजन में 45 प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट गुण विघमान होते हैं। सहजन में 35 तरीके के दर्द निवारक गुण विघमान होते हैं। सहजन में 17 प्रकार के एमिनो एसिड होते हैं।