शफतल की खेती: उन्नत बुवाई विधि, सिंचाई प्रबंधन और अधिक उपज पाने के तरीके

Published on: 16-Feb-2025
Updated on: 16-Feb-2025
Lush green field under a clear blue sky
फसल पशु चारा

शफतल एक चारा फसल है जो की बरसीम के जैसे दिखता है। शफतल को भुकल क्वे नाम से भी जाना जाता हैं। शफतल पोषण से भरपूर चारा फसल हैं, शफतल की फसल 60-90 से.मी. ऊँची होती है।

इस चारा फसल का मुख्य तना रसीला होता हैं। इसकी पत्तियाँ बरसीम के जैसी छोटी, अंडाकार और सिरे पर गोल होती हैं, जो चमकीली हरी और थोड़ी रोएँदार होती हैं।

आज के इस लेख में हम आपको शफतल की खेती से जुडी सम्पूर्ण जानकारी देंगे।

शफतल की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

शफतल की खेती के बरसीम की तरह ठंडी जलवायु में की जाती है। इसको रबी मौसम में उच्च आर्द्रता के साथ उगाया जाता है।

इसकी बढ़वार के लिए बादल वाले दिन अच्छे नहीं होते। अंकुरण के लिए तापमान 25 से 30º C और  फूल आने के लिए 28 से 30º C अच्छा माना जाता हैं।

शफतल को हल्की ठंडी सर्दियों वाली सभी मिट्टियों में उगाया जा सकता है। शफतल मध्यम से भारी मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है, साथ ही कुछ हद तक क्षारीय मिट्टी को सहन करता है।  

कैल्शियम और फास्फोरस से समृद्ध चिकनी दोमट मिट्टी अच्छी तरह से जल निकासी वाली होनी चाहिए।

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शफतल की बुवाई के लिए बीज दर

एक एकड़ में चार से पांच किलो बीजों का प्रयोग करें। शफतल की खेती करते समय 500 ग्राम सरसों के बीज और 12 किलो जई के बीज को मिलाकर अधिक उत्पादन प्राप्त करें।

शफतल की फसल में सिंचाई प्रबंधन

शफतल फसल सिंचाई चाहती है। पहली बार हल्की मिट्टी में बिजाई के तीन से छह दिनों बाद और भारी मिट्टी में बिजाई के छह से आठ दिनों बाद सिंचाई करें।

गर्मियों में 9-10 दिनों के फासले पर और सर्दियों में 10-15 दिनों के फासले पर अतिरिक्त सिंचाई करें (जलवायु के परिस्थितियों के आधार पर)।

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शफतल की कटाई कब करें

शफतल की कटाई बुवाई के 40-45 दिनों के बाद की जाती हैं। अगली कटाई: 20-25  दिनों के अंतराल पर की जाती हैं। इसकी कुल उपज 50 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो जाती हैं।