आज हम आपको स्वीट कॉर्न की खेती से हुए सफल किसान दिनेश चौहान के बारे में बताऐंगे। इस किसान ने अपने अथक परिश्रम के परिणाम स्वरूप एक ऐसा मुकाम हांसिल किया गया, जो कि हर कोई नहीं कर पाता है। ये किसान आज स्वीट कॉर्न की खेती सहित बाकी फसलों से वार्षिक 40 लाख रुपये तक की आमदनी कर रहे हैं।
वर्तमान में भारत के अंदर बहुत सारे ऐसे किसान हैं, जो आधुनिक तरीके से खेती कर बेहतरीन मुनाफा अर्जित कर रहे हैं। ऐसे उन्हीं किसानों में शुमार है, प्रगतिशील किसान दिनेश चौहान, जो हरियाणा के सोनीपत जनपद के मनौली गांव के निवासी हैं। दिनेश चौहान के मुताबिक, उनके गांव को स्वीट कॉर्न विलेज के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि उनके गांव में अधिकांश किसान स्वीट कॉर्न की खेती किया करते हैं। दिनेश चौहान का कहना है, कि वह आधुनिक तरीके से खेती कर वार्षिक शानदार मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं। वह वर्ष 1996 से कृषि क्षेत्र से संबंधित हैं। वहीं, खेती-किसानी से ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं। चौहान के अनुसार, उनके पास 30 एकड़ कृषि योग्य जमीन है, जिस पर वह कृषि करते हैं।
दिनेश चौहान का कहना है, कि उन्होंने 1998 में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन शुरू किया था। इससे पूर्व वह पारंपरिक फसलों, जैसे- मक्का, गन्ने और गेहूं की खेती किया करते थे। चौहान ने 1998 में स्ट्रॉबेरी की खेती करना शुरू किया, क्योंकि वह खेती को एक उच्च स्तर पर ले जाना चाहते थे। उन्होंने बताया कि उस समय में लोग खेती को छोटी दृष्टि से देखा करते थे। किसानी को बहुत ही छोटा दर्जा दिया जाता था और पढ़े-लिखे युवा इस तरफ नहीं आकर, नौकरियों की तरफ भागते थे। वहीं, इसमें काफी स्कोप था, जिसके पश्चात उन्होंने इस दृष्टिकोण को बदलने की सोची और आधुनिक तरीके से खेती का प्रारंभ किया।
प्रगतिशील किसान दिनेश चौहान का कहना है, कि "उन्होंने धीरे-धीरे धान और गेहूं की खेती कम की, और स्ट्रॉबेरी के खेती पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने बताया कि उस समय किसान स्ट्रॉबेरी के खेती या उससे जुड़ी तकनीकों के बारे में नहीं जानते थे। लेकिन, धीरे-धीरे कुछ किसान उनके साथ जुड़े और उन्होंने सभी को इसकी खेती सिखाई। इसके कुछ सालों बाद उन्होंने बेबी कॉर्न या स्वीट कॉर्न की खेती शुरू की, जो इतनी सफल रही है की आज उनका गांव देश भर में स्वीट कॉर्न विलेज के नाम से जाना जाता है। साथ ही, गांव के किसानों को इसकी खेती से काफी शानदार मुनाफा अर्जित हो रहा है।
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उन्होंने बताया कि वह 2001 से स्वीट कॉर्न की खेती कर रहे हैं, जब देश में लोग इसके बारे ज्यादा नहीं जानते थे। उन्होंने कहा है, कि शुरुआत में लोग इसे अमेरिकन कॉर्न समझ कर खाते थे और लोगों को काफी बाद में जाकर इस बात की जानकारी हुई कि ये अमेरिका नहीं अपने ही देश के एक गांव में उगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि शुरुआती समय में स्वीट कॉर्न की खेती के दौरान उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। लोग न इसके बारे में ज्यादा जानते थे और न ही इसका बाजार था। लेकिन, धीरे-धीरे उन्होंने मंडियो में अपनी उपज भेजनी शुरू की, लोगों को इसके बारे में बताया और आज वह इसके माध्यम से वार्षिक अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
अगर लागत एवं मुनाफे की बात की जाए, तो स्वीट कॉर्न की एक एकड़ की खेती से तकरीबन 25 से 30 हजार रुपये की लागत आ जाती है, जिससे वह प्रति एकड़ एक से डेढ़ लाख रुपये तक मुनाफा हांसिल कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त, खेती में उन्हें हरियाणा सरकार की योजनाओं और कृषि व बागवानी विभाग की भी सहायता मिलती रहती है। अगर इस हिसाब से देखें तो वे वार्षिक 40 लाख रुपये तक की आमदनी कर लेते हैं। उन्होंने अन्य किसानों को ये संदेश दिया की वे भी तकनीकी खेती से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त बना सकते हैं। किसान मांग के अनुसार फसलीय उत्पादन करें।