Published on: 06-May-2023
आज हम बात करने जा रहे हैं, एक ऐसे किसान की जिसने लीक से हटकर कुछ नया करने की सोची है। हम बात कर रहे हैं, एक शहतूत की खेती करने वाले किसान आयुष जाटव के बारे में। जो कि पहले पारंपरिक विधिवत तरीके से खेती किया करते थे। इसमें उनको अधिक मुनाफा नहीं हो पाता था। ऐसी स्थिति में आर्थिक हालत उनकी डगमगाती जा रही थी।
जैसा सा कि हम जानते हैं, बागवानी का नाम सुनते ही सर्वप्रथम आमजनता के दिमाग में सेब, केला, आम, नाशपाती और अमरुद का नाम सामने आता है। अधिकांश लोगों का मानना है, कि केला, नाशपाती आम, अमरूद और सेब ही ऐसी बागवानी फसल हैं, जिसकी खेती से बेहतरीन आमदनी की जा सकती है। परंतु, असलियत में ऐसी कोई बात नहीं है। इन समस्त फलों के अतिरिक्त और भी बहुत सारे ऐसे फल हैं, जिसकी खेती से किसानों को मोटी आमदनी हो सकती है। इन्हीं में से एक शहतूत का भी फल है।
चुनौतियों के बाद भी मिशाल पेश की
न्यूज 18 हिन्दी के अनुसार, आमतौर पर शहतूत की खेती किसान बेहद कम करते हैं। वहीं, बाजार के अंदर शहतूत बिकता भी काफी कम है। परंतु, इसकी कीमत काफी अधिक होती है। जानकारी के लिए बतादें कि शहतूत को एक औषधीय फल भी माना जाता है। अगर हम इसके स्वाद की बात करें तो यह खाने में खट्टा- मीठ्ठा लगता है। मार्च-अप्रैल के माह में शहतूत के पेड़ फलों से लद जाते हैं। अगर वक्त रहते इसको तोड़ा नहीं गया, तो पकने के उपरांत शहतूत अपने- आप जमीन पर टूटकर गिरने लगते हैं। विशेष बात यह है, कि शहतूत से औषधियां भी निर्मित की जाती हैं। इसके बावजूद भी किसान इसका उत्पादन करने से सकुचाते हैं। परंतु, अब राजस्थान के एक किसान ने शहतूत की सफलतापूर्वक खेती करके लोगों के समक्ष नजीर प्रस्तुत की है।
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आयुष जाटव प्रति वर्ष कितनी आमदनी करते हैं
बतादें कि किसान आयुष जाटव भरतपुर जनपद के भुसावर के रहने वाले हैं। उन्होंने वहीं अपने बाग में शहतूत की खेती की है। इससे उनको अच्छा-खासा मुनाफा भी हुआ है। पहले वह पारंपरिक ढंग से शहतूत की खेती किया करते थे,जिससे उनको काफी ज्यादा घाटा हो रहा था। परंतु, एक मित्र द्वारा दी गई सलाहनुसार उन्होंने आधुनिक विधि से खेती करना शुरू कर दिया था। दरअसल, किसान आयुष ने 6 वर्ष पूर्व पश्चिम बंगाल से शहतूत के 500 से ज्यादा पौधे मंगवाए व उनकी रोपाई भी कर दी। अभी 3 हेक्टेयर में आयुष ने शहतूत की खेती कर रखी है। इसकी खेती से वह प्रति वर्ष 20 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं।
शहतूत का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
आयुष जाटव ने बताया है, कि पहले वह पारंपरिक विधि से खेती किया करते थे। इसमें उनको कोई ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। अब ऐसी स्थिति में उनकी आर्थिक स्थिति काफी प्रभावित होती जा रही थी। एक दिन उनके एक मित्र ने उनको शहतूत की खेती करने का मशवरा दिया। इसके उपरांत उनहोंने पश्चिम बंगाल से पौधे मंगवाकर इसकी खेती चालू की थी। तीन वर्ष के उपरांत ही पेड़ पर फल आने चालू हो गए, जिससे उनको अच्छी आमंदनी होने लगी। फिलहाल, उनके घर की आर्थिक स्थिति खूब अच्छी हो गई है। आयुष जाटव का कहना है, कि शहतूत का सेवन करने से शरीर मजबूत होता है। शहतूत में बहुत सारे विटामिन्स और पोशक तत्व विघमान होते हैं। ऐसी स्थिति में इसके सेवन से त्वाचा पर चमक रहने के साथ शरीर निरोगी भी रहता है।