Ad

धान की लोकप्रिय किस्म पूसा-1509 : कम समय और कम पानी में अधिक पैदावार : किसान होंगे मालामाल

Published on: 11-Jun-2022

धान की लोकप्रिय किस्म पूसा-1509 जो कम समय और कम पानी में अधिक पैदावार दे कर किसानों को कर रही है मालामाल

धान की कई किस्में हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं इनमें से एक किस्म पूसा-1509 है जो किसानों को मालामाल कर रही है। एक एकड़ में ₹75000 तक की लागत देती है जिससे किसान की आर्थिक स्थिति में बहुत अच्छा असर पड़ता है। 

इस किस्म की धान लगाने से मुख्य फायदा यह है कि धान की कटाई होने के बाद हम उस खेत में सब्जियां भी लगा सकते हैं, ऐसे में किसान गेहूं लगाने के पहले सब्जियों से काफी रुपए कमा लेते हैं जिससे उनकी आय बढ़ जाती है। 

यह फसल न केवल कम दिनों में पकती है बल्कि इसकी खेती करने से किसानों को बहुत लाभ मिलता है इसलिए कई लोगों का कहना है कि धान की यह किस्म पूसा-1121 की जगह ले सकती है। 

ये भी देखें: तर वत्तर सीधी बिजाई धान : भूजल-पर्यावरण संरक्षण व खेती लागत बचत का वरदान (Direct paddy plantation) बासमती चावल 

ना केवल भारत में सप्लाई होता है बल्कि इसकी मांग विदेशों में भी है। यूरोप में भी इस चावल की सप्लाई काफी मात्रा में होती है। कई एक्सपार्टों का कहना है कि विश्व बाजार में इस चावल के अच्छे दाम मिलेंगे। 

इस किस्म का चावल बहुत सुंदर है। चावल में सुगंध भी अच्छी है। धान की यह किस्म रोपाई के तीन महीने बाद तक पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की खेती करने में पानी और खाद काम मात्रा में लगता है, अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। 

धान के इस किस्म के बीज की मांग बहुत है क्योंकि इससे किसानों को बहुत अच्छी पैदावार प्राप्त हो रही है। तरावडी की अनाज की मंडी बासमती की बड़ी मंडी है। 

और आजकल इस मंडी में पूसा-1509 किस्म की धान भी आना शुरू हो गई है। इस फसल का उत्पादन 20 से 22 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन हो रहा है और इसे बेचने पर 3800 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से रुपए मिलते हैं। मतलब किसानों को इसमें 75000 रुपए प्रति एकड़ तक की पैदावार मिल रही है। 

ये भी पढ़े: धान की फसल काटने के उपकरण, छोटे औजार से लेकर बड़ी मशीन तक की जानकारी

पूसा-1509 किस्म का दबदबा क्यों :

धान की पूसा-1509 किस्म के आने के पहले किसान धान की पूसा-1121 नमक किस्म की खेती करते थे। इसकी खेती करने में किसानों को कुछ दिक्कत आती थी। जैसे इस प्रकार की किस्म के पौधों की ऊंचाई अधिक होती थी। 

शुरू से लेकर फसल के तैयार होने में लगभग 5 महीने का वक्त लगता था और अगर कटने पर एक रात खेत में रुक गई तो 15-20% तो खेत में ही झड़ जाती थी। जिसके कारण किसानों का काफी नुकसान हो जाता था। 

लेकिन पूसा-1509 किस्म में ये सब परेशानियां नहीं आतीं। यह किस्म पूसा-1121 का उन्नत रूप है इसलिए इस किस्म की मांग ज्यादा है। इसके अलावा इस किस्म की खेती करने में पानी की कम मात्रा का इस्तेमाल होता है जिससे पानी की बचत होती है। 

इस प्रकार के किस्म की खेती करने से किसान को काफी फायदा मिलता है। जानकारी के मुताबिक इस साल करीब 200 क्विंटल बीज किसानों को दिया गया है जिसकी रोपाई लगभग 50 हजार हेक्टेयर में की गई है। 

और अगले वर्ष इसकी मात्रा बढ़ाई जाएगी जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। आने वाले समय में पानी की और कमी होगी, पानी को बचाना है तो किसानों को इस तरह की किस्मों का चयन जरूर करना होगा।

ये भी पढ़ें: धान की खेती की रोपाई के बाद करें देखभाल, हो जाएंगे मालामाल

बुआई की जानकारी :

इस किस्म की धान की बुआई 17 मई से 21 जून तक कर सकते हैं एवं रोपाई का सही समय जून के दूसरे सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक है। एक एकड़ धान की रोपाई के लिए 4-5 कि.ग्रा. धान की आवश्यकता होती है। 

पूसा-1509 की कतार से कतार से दूरी 20cm और पौधे से पौधे की दूरी 15cm होनी चाहिए। बुआई के पूर्व बीजों का बीजोपचार कर लेना चाहिए। और उचित उर्वरक का चयन करना चाहिए। 

उर्वरकों का उपयोग मृदा के परीक्षण के हिसाब से करना चाहिए। खरपतवार नियंत्रण के लिए प्रिटी लक्नोर + सेफनर का उपयोग बुआई के 3-4 दिन बाद करना चाहिए। इस प्रकार की किस्म में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती इसलिए समय समय पर आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए। जब दाने परिपक्व हो जाएं तो इसकी कटाई कर लें। 

ये भी पढ़े: धान की कटाई के बाद भंडारण के वैज्ञानिक तरीका

धान की यह किस्म किसानों को नुकसान दे सकती है :

धान की इस केस में इतनी खूबियां होने के बावजूद भी कुछ खामियां भी हैं। देश के कुछ राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में बासमती जो सबसे पॉपुलर धान की किस्म थी उसमें एक दिक्कत सामने आ गई है। 

अभी तक ठीक काम कर रहे धान की इस किस्म में कुछ खामियों के कारण सरकार द्वारा इसके बीज वापस लिए जा रहे हैं इसलिए जो भी किसान धान कि इस किस्म की फसल करते हैं वह अब सावधान हो जाएं। 

ऐसा ठीक उसी प्रकार हुआ है जिस प्रकार किसी कंपनी की गाड़ी में खराबी आ जाने के कारण वह कंपनी उस गाड़ी को वापस ले लेती है। सरकार द्वारा ऐसा अहम फैसला इसलिए लिया गया है ताकि किसानों को ज्यादा नुकसान का सामना ना करना पड़े। 

अगर आप भी धान की किस्म के बीज वापस करना चाहते हैं तो आप 21 मई के पहले वापस कर सकते हैं। इसके लिए आपको खरीदी की ओरिजिनल रसीद दिखानी पड़ेगी तभी आप इस किस्म के बीजों को वापस कर सकते हैं। बीज वापसी के बदले किसानों को उनका पैसा या फिर नए बीज दिए जाएंगे।

इतने पॉपुलर बीज को क्यों लिया वापस लेने का फैसला :

जानकारी के मुताबिक एक किसान ने इस बीज के लिए शिकायत की थी जिसके कारण पूसा ने इसका टेस्ट किया जिसमें पता चला कि इसकी उपज सिर्फ 40 फ़ीसदी है जो कि 80 से 90 फ़ीसदी होना चाहिए इसीलिए सरकार द्वारा यह बीज वापस लिया जा रहा है। 

खराबी सिर्फ एक लाट में थी, जिसकी वजह से २५ फरवरी से ४ अप्रैल २०२२ तक की अवधी वाले कर्नाल क्षेत्र से बिक्री हुए एक लाट को वापस लिया जा रहा है। उस बिक्री की रसीद दिखा के किसान भाई बदले में नया बीज या पैसे वापस ले सकते हैं। 

किसान भाई क्षेत्रीय केंद्र करनाल, फोनः 018 42267169 पर बात कर सकते हैं। आशा करते हैं की पूसा-1509 की खेती से सम्बंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आयी हो, इससे सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी चाहतें हों या अपने सुझाव देना चाहें तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

Ad