Ad

सम्पादकीय

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह जी को किसान मसीहा क्यों कहा जाता है, जानिए 7 पॉइंट्स में

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह जी को किसान मसीहा क्यों कहा जाता है, जानिए 7 पॉइंट्स में

किसान-मजदूर और वंचित वर्ग की भलाई और गांवों की तरक्की के पैरोकार चौधरी चरण सिंह ने जब भी मौका मिला, तब ऐसे काम किए जो आज भी याद किए जाते हैं। असली भारत गांवों में बसता है और देश की खुशहाली का रास्ता खेत- खलिहानों से होकर गुजरता है। इन बातों को देश की राजनीति में स्थापित करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को उनके मरणोपरांत भारत सरकार ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह लोकप्रिय जननेता ही नहीं, बल्कि गांधी जी के ग्राम स्वराज से प्रेरित प्रबुद्ध विचारक भी थे। आईये, जानते हैं...
महाकुंभ मेले के भव्य आयोजन में किसानों का भी रहेगा योगदान

महाकुंभ मेले के भव्य आयोजन में किसानों का भी रहेगा योगदान

महाकुंभ धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पर्व होने के साथ ही राष्ट्रीय एकता की झांकी भी प्रस्तुत करता है। इसके साथ पर्यटन के क्षेत्र में प्रोत्साहन भी देता है।इतना ही नहीं महाकुंभ की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। ऐसे में आगामी प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इसकी भव्यता और दिव्यता के लिए प्रयास कर रही है।महाकुंभ मेला की भव्यता इसी से पता चलती है कि इसकी व्यवस्था में इसे एक शहर का रूप दे दिया गया है, जिस तरह किसी एक शहर की प्रशासनिक ईकाई होती है, ठीक उसी...
मेरीखेती ने नवंबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया

मेरीखेती ने नवंबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया

मेरीखेती द्वारा नवंबर महीने की किसान पंचायत का आयोजन धर्मपाल सिंह की यूपी के दादरी जनपद के अंतर्गत खंडेरा गॉव में किया गया। इस किसान पंचायत में नवीनतम कृषि तकनीकियों द्वारा अधिक आय के विषय पर चर्चा हुई।किसान पंचायत के दौरान वरिष्ठ पूसा कृषि वैज्ञानिक डॉ सीवी सिंह, किसान धर्मपाल सिंह मनिंदर सिंह, चमन सिंह, जवाहर शर्मा, आवेद, संजय खान, अमन सिंह, भगत सिंह, वीरेंद्र सिंह, बिहारी लाल, इंद्रजीत, संजय कुमार, ऋषिपाल आदि किसान मौजूद रहे।आधुनिक कृषि तकनीकों पर हुई चर्चाकिसान पंचायत के दौरान डॉ सीवी सिंह ने किसानों को शर्दियों में फसल की देखभाल से लेकर बेहतर उत्पादन हांसिल...
फसलों की बुवाई के 5 प्रमुख तरीके: उन्नत तकनीक से बढ़ाएं उत्पादन

फसलों की बुवाई के 5 प्रमुख तरीके: उन्नत तकनीक से बढ़ाएं उत्पादन

फसलों की बुवाई का अभ्यास करते समय, विभिन्न फसलों की उनकी विकास आवश्यकताओं, जैसे कि धूप, पानी और पोषक तत्वों की ज़रूरतों के संदर्भ में अनुकूलता प्रचार के आधार पर बुवाई की जाती है।संसाधनों के इष्टतम उपयोग और उपज को अधिकतम करने के लिए फसल रोटेशन और इंटरक्रॉपिंग तकनीकों को भी नियोजित किया जा सकता है।इसके अतिरिक्त, फसल के विकास की अवधि और मौसमी स्थितियों के आधार पर बुवाई की उचित योजना और समयबद्धता सफल फसल उत्पादन प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण हैं।विभिन्न फसलों की बुवाई के कुछ सामान्य तरीके विभिन्न फसलों की बुवाई के कुछ सामान्य तरीके निम्नलिखित दिए गए...
मेरीखेती ने अक्टूबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन

मेरीखेती ने अक्टूबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन

मेरीखेती ने अक्टूबर महीने की किसान पंचायत का आयोजन संजीव कुमार प्रेमी की अध्यक्षता में ग्राम दादरी जिला गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में किया।मेरीखेती की इस भव्य किसान पंचायत में वरिष्ठ पूसा वैज्ञानिक डॉ सीवी सिंह और सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे।किसान पंचायत में मुकेश नागर, मनिंदर सिंह, युद्धवीर सिंह, जितेन्द्र नागर, गौरव प्रताप सिंह, मोहित रावल और उमेश कुमार उपस्थित रहे।मेरीखेती की अक्टूबर महीने की इस किसान पंचायत में शर्दियों में उगाई जाने वाली फसलों का समुचित विकास चर्चा का मुख्य विषय रहा। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि तापमान में कमी को देखते हुए सब्जियों में सिंचाई शाम...
फार्मिंग के प्रकार: जीविका और वाणिज्यिक खेती के फायदे और विधियाँ

फार्मिंग के प्रकार: जीविका और वाणिज्यिक खेती के फायदे और विधियाँ

फार्मिंग का मतलब खेती करना होता है। यह कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें फसलों को उगाना और जानवरों का पालना शामिल है।फार्मिंग का उद्देश्य भोजन और कच्चे माल का उत्पादन करना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फार्मिंग कितने प्रकार की होती है? इस लेख में आप इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।फार्मिंग के प्रकारफार्मिंग के प्रकार को खेती करने की विधियों और उद्देश्य के हिसाब से बाटा गया हैं। फार्मिंग मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:जीविका (Subsistence) फार्मिंगवाणिज्यिक (Commercial) फार्मिंग1. जीविका फार्मिंग (Subsistence Farming)जीविका का मतलब है जीवन यापन के लिए। यह फार्मिंग किसान...
C:N अनुपात क्या है? अपघटन पर C:N अनुपात के प्रभाव

C:N अनुपात क्या है? अपघटन पर C:N अनुपात के प्रभाव

मेरे खेतों में धान की पराली का भूसा बनकर खेत में ही बिखर रहा है। लेकिन यह बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है। इसमें एक सीमित मात्रा में यूरिया और DAP भी मिलाया जा चुका है।कार्बन-टू-नाइट्रोजन (C:N) अनुपात मिट्टी में दबे फसल अवशेषों के अपघटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ बताया गया है कि कैसे: C:N अनुपात क्या है?C:N अनुपात कार्बनिक पदार्थों, जैसे कि फसल अवशेषों में कार्बन (C) से नाइट्रोजन (N) का सापेक्ष अनुपात है।अपघटन में C:N अनुपात का महत्व:सूक्ष्मजीवों की वृद्धि: सूक्ष्मजीवों को कार्बनिक पदार्थों को विकसित करने और अपघटित करने के लिए संतुलित C:N अनुपात...
गाजर घास (कांग्रेस घास): फसलों, इंसानों और पशुओं पर प्रभाव और नियंत्रण के उपाय

गाजर घास (कांग्रेस घास): फसलों, इंसानों और पशुओं पर प्रभाव और नियंत्रण के उपाय

खेती में सबसे अधिक नुकसान का कारण खरपतवार होते हैं। फसलों को कई प्रकार के खरपतवार प्रभावित करते हैं जिससे उपज में कमी आती हैं।ऐसा ही एक खरपतवार है गाजर घास (कांग्रेस घास) जिसकों कई नामों से जाना जाता है। कांग्रेस घास फसलों को तो नुकसान पहुँचाता है साथ ही ये खरपतवार इंसानो के लिए भी खतरनाक है, गाजर घास के कारण फसल की पैदावार में 40 प्रतिशत तक की कमी आती है।इस घास के कारण कई प्रकार की बीमार भी होती है। अगर इंसान इसके संपर्क में आता है तो डरमेटाइटिस, एक्जिमा, एलर्जी, बुखार, दमा आदि जैसी बीमारियां...
शून्य बजट प्राकृतिक खेती क्या हैं? इसके महत्व, उद्देश्य, स्तम्भ और लाभ क्या हैं?

शून्य बजट प्राकृतिक खेती क्या हैं? इसके महत्व, उद्देश्य, स्तम्भ और लाभ क्या हैं?

आज के आधुनिक युग में जहां हर चीज आधुनिक हो गयी हैं। खेती भी आधुनिक हो गयी हैं जिससे की खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों को अधिक इस्तेमाल हो रहा हैं।जिससे उत्पादन तो अधिक हो गया हैं परंतु भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती जा रहीं हैं। किसानों को ऐसे में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए।आज यहां हम आपको शून्य बजट प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी देंगे।शून्य बजट प्राकृतिक खेती क्या हैं?शून्य बजट प्राकृतिक खेती को इंग्लिश में Zero Budget Natural Farming के नाम से जाना जाता हैं। जीरो बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) एक प्रकार की...