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ब्रेड और बिस्कुट के लिए उगाएं गेहूं

Published on: 03-Nov-2019
Updated on: 15-May-2024

अभी तक किसान सामान्य तरीके से गेहूं आदि रबी सीजन में उगाते चले आ रहे हैं। उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य लेना है तो ब्रैड और बीयर जैसे उत्पादों के लिए ज्यादा माल्ट या अन्य जरूरी तत्वों वाली किस्म उगाएं। 

वैज्ञानिकों ने लौह तत्व की अधिकता वाली किस्म भी ईजाद की है। बात साफ है कि बाजार जिन किस्मों की उत्पाद विशेष के लिए मांग है, उन्हें लगाएंगे तो कंपनियां आपके दरबाजे पर होंगी।

बंपर उपज वाली किस्में

कई किस्में बंपर उपज के लिए देशभर में ख्याति अर्जित कर रही हैं। सिंचित अवस्था में अगेती बुवाई (अक्टूबर 25 से नवम्बर 05 तक एचडी-सीएएस डब्ल्यू-18 किस्म बेहद उत्तम है। 

धान के खेतों में बगैर जुताई के जीरो ट्रिलेज मशीन से लगाने पर इस किस्म के बेहद अच्छे परिणाम मिले हैं। पूसा संस्थान की एचडी 3226 (पूसा यशस्वी समय से बुआई एवं सिंचित अवस्था के लिए विमोचित इस प्रजाति की औसत उपज 5 +75 टन प्रति हैक्टर है और उपज क्षमता 7++ +96 टन प्रति हैक्टेयर है। 

पीला’ भूरा एवं काला रतुआ रोगरोधी इस प्रजाति में करनाल बंट] चूर्णिल आसिता] पर्ण कंडुआ आदि रोगों के लिए आनुवंशिक रोगरोधिता है। 

इस प्रजाति के पौधे 105 सेमी ऊंचाई लिए पकने में 140&145 दिन का समय लेते हैं। इसके दानों में प्रोटीन की अधिक मात्रा 12+ +8 एवं शुष्क ग्लूटेन 10 +10 प्रतिशत है। यह प्रजाति चपाती एवं ब्रेड बनाने के लिए उपयुक्त पाई गई है।

समय पर बुवाई

(नवम्बर 10 से 25 तक एचडी 3086] एचडी 2967] एचडी 2687] एचडी 2851] डीबी डब्ल्यू 17] डीबी डब्ल्यू 88] डब्ल्यू एच 1105 बेहद कारगर किस्में हैं।

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देर से बुवाई

(नवम्बर 25- दिसम्बर 25& एचडी 3117] डीबी डब्ल्यू 16] एचडी 3059] डब्ल्यू आर 544] पीबी डब्ल्यू 373 उपयुक्त किस्म हैं। 

सीमित सिंचाई-समय पर बुवाई

(नवम्बर 10 से 25 &  एचडी 3043] पीबी डब्ल्यू 644] पीबी डब्ल्यू 660] डब्ल्यूएच 533 अच्छी किस्में हैं। उत्तर पूर्वी मैदानों क्षेत्र (पूर्वी उत्तर प्रदेश (झांसी क्षेत्र को छोड़कर बिहार] झारखंड] उड़ीसा और पूर्वी भारत के मैदानी क्षेत्र] सिंचित  समय पर बुवाई (नवम्बर 10 से 25 तक एचडी 2967] एचडी 2733] एचडी 2824] पीबी डब्ल्यू 443] के 0307] एचपी 1731] एचपी 1761] एचडी 2733] एन डब्ल्यू 1012] एचडी 2824]  गेंहू की राज 3077 किस्म उपयुक्त हैं।

देर से बुवाई

(नवम्बर 05-25] एच डी 4728] एच डी 8759] एच आइ 8498] एच आइ 8381] गेंहू की 1544 किस्म एच आइ 1544] जी डब्ल्यू 190] जी डब्ल्यू 273] जी डब्ल्यू 322] एच डी 2932 उपयुक्त हैं। गेंहू की 1544 किस्म की पैदावार काफी अच्छी होती है। इन सभी गेंहू की किस्मों से गेंहू के बिस्कुट निर्मित किए जाते हैं। 

वर्षा आधारित सीमित सिंचाई समय पर बुवाई

(नवम्बर 10 से 25&    एचडी 3171] एचडी 2888। मध्य क्षेत्र (मध्य प्रदेश] छत्तीसगढ़] गुजरात] राजस्थान के कोटा और उदयपुर क्षेत्र] उत्तर प्रदेश के झांसी क्षेत्र 

सिंचित समय पर बुवाई

(नवम्बर 05-25] एच डी 4728] एच डी 8759] एच आइ 8498] एच आइ 8381] एच आइ 1544] जी डब्ल्यू 190] जी डब्ल्यू 273] जी डब्ल्यू 322] एच डी 2932 उपयुक्त हैं। 

देर से बुवाई

(नवम्बर 25 से दिसम्बर 25 तक      एचडी 2864] एमपी 4010] एचडी 2932A 

वर्षा आधारित सीमित सिंचाई समय पर बुवाई

(अक्टूबर 25- नवम्बर 15& एचआइ 1500] एचआइ 1531] एचडी 4672] एचडी 8627] एचडब्ल्यू 2004] जे डब्ल्यू एस 17 उपयुक्त हैं। प्रायद्वीपीय क्षेत्र (महाराष्ट्र] कर्नाटक] गोवा] तमिलनाडु के मैदानी क्षेत्रA 

सिंचित समय पर बुवाई

(नवम्बर 05-ls 25&    एचआइ 4663] एचडी 2987] यूएएस 413] जीडब्ल्यू 322A 

देर से बुवाई

(नवम्बर 25- दिसम्बर 25& एचडी 3090] एचडी 2932] एचडी 2833] राज 4083 उपयुक्त हैं। 

वर्षा आधारित सीमित सिंचाई समय पर बुवाई

(अक्टूबर 25 ls नवम्बर 15& एचआइ 1605] एचडी 2987] एचडी 2781] डीबीडब्ल्यू 93 उपयुक्त हैं। उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र (जम्मू और कठुआ क्षेत्र को छोड़कर जम्मू कश्मीर] उत्तराखंड (बिना तारई क्षेत्र] हिमाचल प्रदेश बिना ऊना और पौन्टी घाटी] सिक्किम और पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत के पहाड़ी क्षेत्र में सिंचितसमय पर बुवाई के लिए एचएस 562] एचएस 542] वीएल 738] वीएल 804] एच एस 240 उपयुक्त हैं। 

गर्मियों में बुवाई के लिए एचएस 375 एवं सिंचित वर्षा आधारित समय पर बुवाई के लिए एचएस 507] वीएल 832] एसकेडब्ल्यू 196] एचएस 375 उपयुक्त किस्म हैं। 

 दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र (तमिलनाडू का पहाड़ी क्षेत्र] केरल के निलगिरी क्षेत्र में सिंचित   समय पर बुवाई    के लिए एच डब्ल्यू 5207] एच डब्ल्यू 318] एच डब्ल्यू 1085] एच डब्ल्यू 2044] एच डब्ल्यू 1098] उपयुक्त हैं। 

देर से बुवाई के लिए एच डब्ल्यू 5216 तथा लवणीय एवं क्षारीय भूमि के लिए सिंचित समय पर बुवाई हेतु केआरएल 19] केआरएल 210 तथा केआरएल 213 किस्म उपयुक्त हैं।

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