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'आलू' करेगा मिस्र में खाद्य संकट को काबू, गेहूं के लिए भारत से आस लगाए बैठा है मिस्र

Published on: 07-Sep-2022

काहिरा। इन दिनों मिस्र में खाद्य सामग्री का भीषण संकट है। इस खाद्य संकट को काबू में करने के लिए आलू मददगार साबित हो सकता है। मिस्र के आपूर्ति मंत्री अली एल मोसेल्ही का कहना है कि देश मे अधिक आटा निकालने के लिए अधिक से अधिक आलू का उपयोग करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। ऐसा करने से कम गेहूं से भी देश में खाद्य संकट को काबू में किया जा सकता है। मिस्र दुनियां में सबसे ज्यादा गेहूं का आयात करने वाला देश है। लेकिन इस साल रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मिस्र को गेहूं नहीं मिल सका है और यही वजह है कि आज देश के सामने खाद्य संकट खड़ा हो गया है। कभी भारत के गेहूं को सड़ा हुआ बताकर वापस लौटाने वाला मिस्र अब गेहूं के लिए भारत से ही आस लगाए बैठा है।

80 हजार टन गेहूं खरीद का हुआ अनुबंध

- मिस्र ने हाल ही में भारत से 80 हजार टन गेहूं खरीदने का अनुबंध किया है। हालांकि यह खेप पहले के मुकाबले काफी कम है। मिस्र की कुल 10.3 करोड़ आबादी है। लेकिन फिलहाल की परिस्थितियों को काबू करने के लिए काफी मददगार साबित होगी।

तुर्की और मिस्र से ठुकराया भारत का गेहूं इजराइल के बंदरगाह पर

- तुर्की और मिस्र ने भारत के गेहूं को सड़ा हुआ बताकर वापस लौटा दिया था। तुर्की और मिस्र से ठुकराया हुआ 56000 टन गेहूं इजराइल के बंदरगाह पर अटका हुआ है, क्योंकि तुर्की और मिस्र होते हुए गेहूं अब इजराइल पहुंच गया है, जहां से भारत सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

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