लॉन्च हुई गेहूं की दो नई उन्नत किस्में, होगी उत्पादन में वृद्धि

Published on: 16-Aug-2024
Updated on: 16-Aug-2024

11 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने 109 विभिन्न फसलों की उच्च उपज वाली किस्में लॉन्च करने की घोसणा कीं है। इन किस्मों के बीज जलवायु के अनुकूल हैं और प्रतिकूल मौसम में भी अच्छी फसल देते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर हैं।

ये दो किस्में पूसा गेहूं शरबती (HI 1665) और ड्यूरम गेहूं की पूसा गौरव (HI 8840) दोनों ही अच्छी उपज देने वाली किस्में है। गेहूं की दोनों किस्में पोषक तत्वों से भरपूर हैं और बहुत अधिक उत्पादन देने वाली है।

इन किस्मों की बुवाई से देश में गेहूं के उत्पादन में वृद्धि होगी। यहाँ हम आपको इन दोनों किस्में के बारे में विस्तार से बताने वाले है।

1. पूसा गेहूं शरबती (HI 1665)

किसानों के लिए आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन, इंदौर, मध्य प्रदेश, इस गेहूं की किस्म को विकसित किया गया है।

महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के समतल क्षेत्रों में इस गेहूं की किस्म की सिफारिश की गई है। यह किस्म समय पर बुआई करने के लिए अच्छी है।

इस किस्म का उत्पादन सिंचित स्थिति में 33 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकता है। 110 दिनों में इस प्रकार का गेहूं पककर तैयार हो जाता है।

यह किस्म उत्कृष्ट अनाज गुणवत्ता, उच्च अनाज जस्ता सामग्री (40) और सूखे के प्रति सहनशील है (गर्मी सहनशीलता सूचकांक 0.98 और सूखा संवेदनशीलता सूचकांक 0.91)। वहीं, यह किस्म तने और पत्ती के जंग से बचता है।

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2. पूसा गेहूं गौरव (HI 8840)

आईसीएआर (Indian Agriculture Research Institute) क्षेत्रीय स्टेशन, इंदौर, मध्य प्रदेश ने इस किस्म का गेहूं विकसित किया है।

महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के समतल क्षेत्रों में इस गेहूं की किस्म की सिफारिश की गई है। गेहूं की यह प्रजाति सिंचित क्षेत्रों में उचित है। गेहूं की इस किस्म की औसत प्रति हेक्टेयर उपज 30.2 क्विंटल है।

गेहूं की यह प्रजाति टर्मिनल गर्मी के प्रति प्रतिरोधी है। गेहूं की इस किस्म में उच्च जस्ता (41.1 PPM) और प्रोटीन सामग्री (12%) है। गेहूं की यह किस्म पत्ती और तने की रस्ट रोग से प्रतिरोधी है।

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