कोरोना की दूसरी लहर ने आम जनता को झकझोर के रख दिया है. इसके साथ-साथ सरकार की भी नींद उडी पड़ी है. कहते हैं ना कि "डूबते को तिनके का सहारा". मौसम विभाग ने एक अच्छी खबर दी है कि इस बार वर्षा सामान्य रहने की सम्भावना है और पूर्वानुमान के अनुसार वर्षा की अवधि भी लम्बी होगी. इस खबर ने किसानों के साथ साथ सरकार और उद्योग जगत को भी राहत दी है. भारतीय कृषि को मानसूनी खेती कहा जाता है. हमारे देश की खेती मानसून की बारिश पर आधारित है.अगर बारिश अच्छी होती है तो फसल अच्छी होती है और उसका हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर होता है. मजदूरों को काम मिलता है किसान को फसल अच्छी मिलती है. मौसम विभाग के अनुसार ये तीसरा साल है जब वर्षा सामान्य रहने की सम्भावना है. अभी मौसम विभाग ने मई महीने के लिए अपने पूर्वानुमान दिए हैं. इसी तरह हर महीने का पूर्वानुमान एक महीने पहले ही जारी कर दिया जायेगा. जैसे मई का अप्रैल में, जून का मई में, जुलाई का जून में,अगस्त का जुलाई में,सितम्बर का अगस्त में.